⏳ (पतंजलि योगदर्शन क्या है?)
पतंजलि योगदर्शन, भारत की योग परंपरा का मूल आधार माना जाता है।
ऋषि पतंजलि ने इस ज्ञान को 195 सूत्रों में संकलित किया, जिसे योग सूत्र कहा जाता है।
यह ग्रंथ हमें सिखाता है:
- मन को कैसे शांत करें
- जीवन में दुख कहाँ से आते हैं
- और उनसे मुक्ति कैसे मिले
पतंजलि कहते हैं:
"योगश्चित्तवृत्ति निरोधः"
अर्थात — योग मन की चंचलताओं को शांत करने की प्रक्रिया है।
⏳ (योग दर्शन का उद्देश्य)
आज हम योग को केवल व्यायाम या स्वास्थ्य लाभ की दृष्टि से देखते हैं। लेकिन पतंजलि योगदर्शन का उद्देश्य इससे कहीं गहरा है।
इसका मुख्य लक्ष्य है —
✔ आत्मज्ञान
✔ शांति
✔ और मोक्ष प्राप्त करना
जब हमारा मन शांत हो जाता है, तब हमें अपने असली स्वरूप का अनुभव होता है।
⏳ (अष्टांग योग)
पतंजलि ने योग को 8 चरणों में बांटा है, जिसे अष्टांग योग कहते हैं।
1️⃣ यम – नैतिक अनुशासन
2️⃣ नियम – आत्म अनुशासन
3️⃣ आसन – शरीर को स्थिर व स्वस्थ करना
4️⃣ प्राणायाम – श्वास नियंत्रण
5️⃣ प्रत्याहार – इंद्रियों को भीतर की ओर मोड़ना
6️⃣ धारणा – एकाग्रता
7️⃣ ध्यान – निरंतर ध्यान
8️⃣ समाधि – परम चेतना से एकता
ये आठ चरण हमें जीवन, मन और आत्मा को संतुलित करने में मदद करते हैं।
⏳ (क्लेश: दुखों के कारण)
पतंजलि बताते हैं कि हमारे जीवन में दुख 5 कारणों से उत्पन्न होते हैं, जिन्हें क्लेश कहा जाता है:
- अविद्या – अज्ञान
- अस्मिता – अहंकार
- राग – आसक्ति
- द्वेष – द्वेष या नापसंद
- अभिनिवेश – मृत्यु का भय
योग इन क्लेशों को मिटाने की प्रक्रिया है।
⏳ (आज के जीवन में उपयोग)
आधुनिक समय में तनाव, चिंता, अवसाद और अस्थिरता बहुत बढ़ गई है।
ऐसे में पतंजलि योगदर्शन हमें रास्ता दिखाता है कि:
- कैसे शांति पाई जाए
- कैसे मन को नियंत्रित किया जाए
- और कैसे जीवन को संतुलित और सार्थक बनाया जाए
तो दोस्तों, पतंजलि योगदर्शन सिर्फ एक ग्रंथ नहीं —
यह जीवन जीने की कला है।
अगर आप योग, ध्यान और आत्म-विकास में रुचि रखते हैं, तो यह ग्रंथ आपके लिए बेहद महत्वपूर्ण है
Bye Patanjali Yog Darshan Book
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